Tuesday, October 27, 2009

छोटे बच्चे
माँ के कोप-भाजन का शिकार
अक्सर होते हैं छोटे छोटे बच्चे
घर में रिश्तों में हुआ हो विवाद
या पति-पत्नि के बीच कटु संवाद
खामियाजा भुगतते हैं छोटे-छोटे बच्चे
माँ उन्हैं पीटकर निकाल लेती है अपना गुबार
वे नहीं समझ पाते, उनकी छोटी सी गलती की सजा
कभी-कभी इतनी बडी क्यों हो जाती है ?
कुछ देर सिसकते हैं फिर भूल जाते हैं
बेवजह खाई थी मार
नन्हे हाथों से पौंछते हैं माँ की आँखों के आँसू
ऊटपटाँग हरकत करके माँ को हँसाने का करते हैं असफल प्रयास
कभी-कभी रोते-रोते जब वे सो जाते हैं
गालों पर उभरी आँसुओं की लकीरें
उनके निष्पाप चेहरे को देवतुल्य बना देती है
माँ देखती है ,फिर करती है पश्चाताप
उन्हैं गोद में लेकर बेतहाशा चूमती है
सीने से लगाकर भूल जाती है सारा संताप
मासूम चेहरे को निहारकर
आँसू हैं कि छलक उठते हैं बार-बार

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