नव वर्ष २०१० दे रहा दस्तक आपके द्वार
नई चेतना ,नई उमंग से स्वागत करें
नई भोर का आज ,खोलें बंद खिडकी दरवाजे
आने दे नई बयार घर में फिर आज
Wednesday, December 30, 2009
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स्मृति को पाथेय बनाकर जीवनपथ तय करने दो वातायन से झाँक-झाँक कर अतीत-दव्रार को खुलने दो