औरतें कभी नहीं कह पातीं
दिल में जो सोचती हैं
कभी नहीं कर पाती ऐसे काम
जो उनका मन चाहता है
जीती हैं बस बिना किसी शर्त के
ताउम्र करती हैं बस समझौते
खुश होती रहती हैं यह देख कर
उनकी दुनिया के सभी लोग कितने खुश हैं
Monday, October 18, 2010
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आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए आपका आभार. आपका ब्लॉग दिनोदिन उन्नति की ओर अग्रसर हो, आपकी लेखन विधा प्रशंसनीय है. आप हमारे ब्लॉग पर भी अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "अनुसरण कर्ता" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
ReplyDeleteभारतीय ब्लॉग लेखक मंच
डंके की चोट पर
दीदी आपके ब्लाग पर आना सुखद रहा । आपकी रचनाएं तो अच्छी होती ही हैं ।
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